वर्ण व्यवस्था का उद्भव भारतीय समाज एवं संस्कृति के विकास के आरम्भिक दौर में हुआ। अतः इस लेख में वर्ण…
वस्तुपरकता (Objectivity) परिघटनाओं के अध्ययन का एक मानसिक दृष्टिकोण है। वस्तुपरकता यह लेख वस्तुपरकता से संबंधित है। इस लेख के…
जब सामाजिक क्षेत्र के प्रश्नों के उत्तर खोजने का क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित प्रयास किया जाता है उसे ही सामाजिक शोध…
स्तरीकरण के आधुनिक सिद्धांत एवं नए स्वरूप समाजशास्त्र को समझने के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं। Stratification's Modern Theories and…
सदरलैण्ड एवं वुडवर्ड का मानना है कि स्तरीकरण केवल अन्तःक्रियाओं या विभेदीकरण की ही एक प्रक्रिया है जिसमें कुछ व्यक्तियों…
समाजीकरण सीखने की प्रक्रिया है, जो सीखने वालों को सामाजिक भूमिकाओं के निभाने योग्य बनाता है। मनुष्य को सामाजिक-सांस्कृतिक प्राणी…
सामाजिक समूह की कार्य-प्रणाली के स्थापित स्वरूप को हम संस्था कहते हैं। ऐसा मकीवर एवं पेज का मानना है। प्रस्तुत…
समिति के बारे में मकीवर एवं पेज का कहना है कि हम समिति के सदस्य होते हैं संस्था के नहीं।…
यह लेख समुदाय की विशेषताओं से संबंधित है। इसके माध्यम से यह जाना जा सकता है कि समुदाय को किस…
प्रस्तुत लेख को लिखने में 'ज्योति सिडाना' की पुस्तक ''समाजशास्त्र: एक मूल्यांकनात्मक परिचय'' का उपयोग किया गया है। यह लेख…