विभिन्न तर्कों के आधार पर समुदाय की विशेषताओं को समझा जा सकता है।
जैसे कि गाँव, नगर, पड़ोस, राष्ट्र, प्रांत इत्यादि समुदाय के उदाहरण हैं।
इस अर्थ में समुदाय एक मूर्त अवधारणा है जो सामाजिक संरचना का एक भाग है।
इसे ’एक समाज’ के समकक्ष रखा जा सकता है,
परंतु यह समाज की अमूर्त अवधारणा से पृथक है,
क्योंकि समाज का न तो कोई भौगोलिक क्षेत्र है और न ही उसमें समरूपता के वे लक्षण पाए जाते हैं जिनकी अभिव्यक्ति सामुदायिक भावना अथवा हम की भावना के रूप में होती है।
अतः समुदाय की विशेषताएं (Characteristics of Community) निम्नलिखित हैं-
समुदाय एक साथ रहने वाले व्यक्तियों का एक समूह है ,
जो सामाजिक जीवन के विभिन्न पक्षों में समान सहभागिता रखते हैं,
और एक-दूसरे के साथ निरन्तर एवं उद्देश्यपूर्ण ढंग से अंतःक्रिया करते हैं। यह समुदाय की विशेषता है।
इसे समुदाय की एक महत्वपूर्ण विशेषता माना जाता है।
समुदाय की एक सुपरिभाषित सीमा होती है जिसे समुदाय के सदस्यों के साथ-साथ समुदाय के बाहर के सदस्य भी पहचानते हैं या स्वीकार करते हैं।
इस क्षेत्र के अंदर रहने वाले लोग सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से लगभग एक समान जीवन शैली का प्रतिनिधित्व करते हैं।
उदाहरण के लिए, एक गाँव समुदाय का उदाहरण है,
क्योंकि उसका निश्चित भौगोलिक क्षेत्र होता है और उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों का सामाजिक जीवन भी एक जैसा होता है।
यह समुदाय की विशेषता है।
यह समुदाय की दूसरी महत्वपूर्ण विशेषता है जिसे ’हम की भावना’ के समकक्ष रखा जा सकता है।
एक ही भौगोलिक क्षेत्र में रहने और एक जैसी जीवन पद्धति होने के कारण व्यक्ति परस्पर भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ अनुभव करते हैं।
समान अनुभव, समान व्यवसाय, समान भाषा, समान संस्कृति, समान मूल्य एवं समान विचारधारा होने के कारण उनमें परस्पर निकटता की भावना देखी जा सकती है।
इसे ही सामुदायिक भावना या हम की भावना की संज्ञा दी जाती है।
यह समुदाय की विशेषता है।
स्थायित्व (Permanence)
समुदाय सापेक्षित दृष्टि से स्थाई होता है।
समुदाय के सदस्य बदलते रहते हैं परंतु समुदाय में स्थायित्व का गुण पाया जाता है।
उदाहरण के लिए गाँव, शहर, कस्बा बना रहता है परंतु उनमें रहने वाली पीढ़ियाँ आती जाती रहती हैं।
यह समुदाय की विशेषता है।
आत्मनिर्भरता (Self-sufficiency)
समुदाय में सापेक्षित दृष्टि से आत्मनिर्भरता का तत्व पाया जाता है। यह संपूर्ण संगठित सामाजिक जीवन का प्रतिनिधित्व करता है अर्थात् समुदाय में सामाजिक जीवन के समस्त पक्षों को सम्मिलित किया जाता है। इसे समाज का लघु प्रतिरूप कहा जा सकता है।
यह समुदाय की विशेषता है।
स्वतःविकास (Spontaneous Growth)
समुदाय की उत्पत्ति स्वाभाविक विकास का परिणाम है अर्थात् यह मानव प्रयासों का प्रतिफलन नहीं है अपितु स्वतः विकसित होता है। यानी समुदाय का निर्माण किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए या जानबूझकर नहीं किया जाता।
यह समुदाय की विशेषता है।
विशिष्ट नाम (Specific Name)
समुदाय का एक विशिष्ट नाम होता है जिसके द्वारा वह अपनी सामाजिक पहचान स्थापित करता है और समुदाय के सदस्य भी उसी नाम से जाने जाते हैं।
उदाहरण के लिए राजस्थान में रहने वाले राजस्थानी, भारत में रहने वाले भारतीय और चीन में रहने वाले चीनी इत्यादि।
समानता (Similarity)
समुदाय में सामान्य भाषा, सामान्य रीति-रिवाज, सामान्य संस्कृति, सामान्य लक्ष्य, सामान्य हित, सामान्य प्रथा एवं परम्पराएं पाई जाती हैं।
इन सभी समानताओं के आधार पर ही सामुदायिक भावना का विकास होता है।
वैधानिक प्रस्थिति का आभाव (No Legal Status)
सभी समुदायों की वैधानिक नहीं होती।
कानून की दृष्टि में इनके कोई अधिकार और कर्त्तव्य निर्धारित नहीं होत और न ही इनकी स्थापना कानून के दायरे में होती है।
अनौपचारिक, अंतःवैयक्तिक सम्बन्धों का प्रभुत्व तथा अनौपचारिक प्रतिमानों का प्रभाव पाया जाता है।
परंतु राज्य एवं राजनीतिक चरित्र वाले अन्य समुदाय वैधानिक प्रस्थिति रखते हैं।
समुदाय का आकार (Size of Community)
समकालीन जटिल समाजों में समुदाय आकार की दृष्टि से लघु एवं विशाल हो सकते हैं।
गाँव एक लघु समुदाय का उदाहरण है जबक राष्ट्र या विश्व वृहद् समुदाय के उदाहरण हैं।
दोनों ही समुदाय मानव जीवन के अस्तित्व के लिए अनिवार्य है।
मूर्त प्रकृति (Concrete Nature)
समुदाय सामाजिक इकाइयों से निर्मित होने के कारण एक मूर्त इकाई है क्योंकि समुदाय को देखा जा सकता है।
सामूहिक चेतना (Collective Consciousness)
एक विशिष्ट समुदाय के सदस्य अपनी सदस्यता के प्रति जागरूक होते हैं। सदस्यों में सामान्य हितों और सामान्य उद्देश्यों की उपस्थिति के कारण सामूहिक चेतना पाई जाती है।
अनिवार्य सदस्यता (Compulsory Membership)
जिस समुदाय में व्यक्ति जन्म लेता है वह उसका सदस्य बन जाता है वह चाहे या न चाहे।
अर्थात् समुदाय की सदस्यता जन्म से ही प्राप्त हो जाती है।
प्रश्न- समुदाय क्या है?
-समुदाय एक निश्चित भू-भाग पर निवास करने वाली वह जनसंख्या है जिनमें सामाजिक एकता अथवा किसी सीमा तक सामाजिक समरूपता के तत्व पाए जाते हैं।
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