Study Material

समाजशास्त्र एवं अर्थशास्त्र

यह लेख पुस्तकों के माध्यम से लिखा गया है। जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि करना है।

IMG Credit

समाजशास्त्र एवं अर्थशास्त्र आपस में सम्बद्ध हैं।

समाजशास्त्र एवं अर्थशास्त्र समाज का अध्ययन अपने-अपने तरीकों से करते हैं लेकिन फिर भी इनमें जुड़ाव है।

मार्शल के अनुसार

अर्थशास्त्र एक ओर धन का विज्ञान है

दूसरी ओर मनुष्यों से सम्बद्ध विषयों के एक भाग का अध्ययन है।

अर्थशास्त्र को मानव-कल्याण से जोड़ने का प्रयास किया है।

Alfred Marshall (184 -1924) (Photo by Getty Images)

अर्थशास्त्र में धन के उत्पादन की अनेक प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है, जिनके पीछे सामाजिक सम्बन्ध होते हैं।

समाजशास्त्र एवं अर्थशास्त्र के आर्थिक और सामाजिक सम्बन्ध आपस में जुड़े हुए हैं।

https://www.youtube.com/watch?v=_wFAEXcUbRE

सामाजिक सम्बन्धों की जड़ों में आर्थिक सम्बन्ध होते हैं।

परिवार, जाति, वर्ग आदि में आर्थिक हितों के आधार पर सहयोग एवं संघर्ष पाया जाता है।

समाजशास्त्र एवं अर्थशास्त्र के बीच कितना घनिष्ठ सम्बन्ध है यह मार्क्स के Das Capital एवं वेबर के The Protestant Ethic and the Spirit of Capitalism से बिल्कुल स्पष्ट हो जाता है।

https://thewirehindi.com/

मार्क्स ने यदि यह प्रमाणित किया कि आर्थिक संरचना सामाजिक संरचना का आधार है, तो वेबर ने यह प्रमाणित किया कि धर्म आर्थिक संगठनों को प्रभावित करता है।

वेबर के अनुसार आधुनिक पूँजीवाद के विकास में प्रोटेस्टैंट धर्म की भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण रही है।

Max Weber. 1900s (Photo by Getty Images)

पार्सन्स एवं स्मेल्सर ने तो आर्थिक सिद्धांत को समाजशास्त्रीय सिद्धान्त का ही अंग माना है।

मिरडॅल का Asian Darama और हॉजलिट्स की Sociological Aspects of Economic Growth ऐसी कृतियाँ हैं, जो समाजशास्त्र एवं अर्थशास्त्र के बीच संबंधो को स्पष्ट करती हैं।

समाजशास्त्र एवं अर्थशास्त्र में नगरीकरण, आर्थिक प्रगति, श्रम-विभाजन, बेरोजगारी, उद्योगिकरण, सामाजिक कल्याण, जनसंख्या आदि का अध्ययन होता है।

समाजशास्त्र में सामाजिक जीवन के पक्षों का अध्ययन होता है

अर्थशास्त्र में केवल आर्थिक पहलू का अध्ययन होता है।

अर्थशास्त्र में घटना की व्याख्या के लिए आर्थिक कारणों की खोज की जाती है

समाजशास्त्र में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक कारणों के योगदानों की भी चर्चा की जाती है।

समाजशास्त्र एक सामान्य विज्ञान है, जबकि अर्थशास्त्र एक विशिष्ट समाजविज्ञान।

सन्दर्भ- सिंह, जे०पी० (2017), ’समाजशास्त्र: अवधारणाएँ एवं सिद्धांत’, तृतीय संस्करण, पीएचआई लर्निंग प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली, पृ० 47।

Dr. Dinesh Chaudhary

Recent Posts

इन्सानी दिमाग और माइक्रोप्लास्टिक के कण

यह लेख दैनिक अमर उजाला में छपा था। इन्सानी दिमाग और माइक्रोप्लास्टिक के कण लेख…

1 month ago

मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई

उक्त लेख (चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई करने वालों में बढ़ रही हैं मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ)…

2 months ago

The Best way of वर्ण एवं जाति

वर्ण व्यवस्था का उद्भव भारतीय समाज एवं संस्कृति के विकास के आरम्भिक दौर में हुआ।…

1 year ago

The Best Way of Objectivity वस्तुपरकता

वस्तुपरकता (Objectivity) परिघटनाओं के अध्ययन का एक मानसिक दृष्टिकोण है। वस्तुपरकता यह लेख वस्तुपरकता से…

1 year ago

समाजशास्त्रीय शोध

समाजशास्त्रीय शोध एक अत्यंत व्यापक अवधारणा है। समाजशास्त्रीय शोध सामाजिक शोध का प्रयोग समाजशास्त्र की…

1 year ago

Best Social Learning Process सामाजिक शोध

जब सामाजिक क्षेत्र के प्रश्नों के उत्तर खोजने का क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित प्रयास किया जाता…

2 years ago