जी-20 देश आर्थिक पहलू को उजागर करते हैं व आर्थिक सहयोग करना जी-20 का मुख्य उद्देश्य है।
यह लेख जी-20 देशों के संगठन से संबंधित है। लेख को लिखने के लिए पत्र एवं पत्रिकाओं व दैनिक समाचार पत्रों का सहारा लिया गया है। लेख का उद्देश्य जी-20 देशों के बारे में जानना है।
यदि G-20 देशों की कार्यशैली को देखा जाए तो यह पता चलता है कि G-20 देशों के काम करने के दो ट्रैक हैं।
पहला, वित्त ट्रैक और दूसरा, शेरपा ट्रैक।
पहले ट्रैक का नेतृत्व वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गर्वनर करते हैं।
और दूसरे ट्रैक का नेतृत्व शेरपाओं द्वारा किया जाता है।
जो नेताओं के निजी प्रतिनिधि होते हैं। दोनों ट्रेक के अन्दर कार्य समूह होते हैं।
यह ट्रैक मुख्य रूप से वित्त मंत्रालय के अन्तर्गत होते हैं। इसमें विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं।
G-20 का सबसे बड़ा मकसद आर्थिक सहयोग करना होता है।
G-20 देशों की जीडीपी दुनियाभर के देशों की 80 फीसदी होती है।
G-20 का कोई स्थाई सचिवालय नहीं होता है।
G-20 के सदस्य देश-
- अर्जेंटीना
- ऑस्ट्रेलिया
- ब्राजील
- कनाडा
- चीन
- फ्रांस
- जर्मनी
- भारत
- इंडोनेशिया
- इटली
- जापान
- मेक्सिको
- रूस
- सऊदी अरब
- दक्षिण अफ्रीका
- दक्षिण कोरिया
- तुर्की
- ब्रिटेन
- अमेरिका
- स्पेन को हमेशा अतिथि देश के रूप में बुलाया जाता है।
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