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Best Begning आत्महत्या से बचनाने के लिए पाठ्यक्रम (पहली बार)

यह लेख जो अमर उजाला (देहरादून संस्करण) में 23 नवंबर 2022 को प्रकाशित हुआ था। यह लेख भारत में होने वाली आत्महत्याओं के बारे में बात करता है। जो पेज-12 पर प्रकाशित हुआ था।

आत्महत्या से बचनाने के लिए पाठ्यक्रम (पहली बार)

प्रत्येक दिन लगभग 450 लोग आत्महत्या कर रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि वर्ष 2019 में विश्व में सात लाख से भी अधिक लोगों ने आत्महत्या की थी।

विश्व में जो आत्महत्याएं हो रही हैं उनमें सर्वाधिक प्रतिशत (36.3%) भारतियों का है। 1990 के दौरान इसका दायरा 25.3 प्रतिशत था।

एनसीआरबी के अनुसार,

वर्ष 2021 में 1.64 लाख लोगों ने आत्महत्या की थी।

महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश व कर्नाटक में सर्वाधिक मामले सामने आये।

कोरोना महामारी से पहले के वर्षों की तुलना में आंकड़े बढ़ें हैं।

NCRB Report 2020

राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम नीति

यह केन्द्र सरकार की योजना है।

भारत में पढ़ाये जा रहे पठ्यक्रमों में इसे शामिल किया जायेगा और स्यूसाइड से कैसे बचा जा सकता है इससे संबंधित जानकारी बच्चों को दी जाएगी।

तनाव या अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति के लिए अस्पतालों में ओपीडी सेवा प्रारम्भ की जाएगी ताकि उनको समय रहते रोग मुक्त किया जा सके।

राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम नीति 63 पेज की है।

63 पेज की इस नीति में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2030 तक स्यूसाइड से होने वाली मृत्यु को दस फीसदी कम करने का लक्ष्य रखा गया है।

विश्व में स्यूसाइड से हर तीसरी महिला व चौथे पुरुष की मौत भारत में होती है।

भारत में प्रत्येक घंटे 18 व्यक्ति स्यूसाइड करते हैं।

भारत में स्यूसाइड करने के मामले में बड़ी संख्या 18 से 35 वर्ष के युवाओं की है।

World Suicide Prevention Day

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ० मनसुख का कहना है कि

देश में बढ़ रहे स्यूसाइड के मामलों को रोकने के लिए हमें अब ओर अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। स्यूसाइड समाज के सभी वर्गों को प्रभावित करती है। इसे देखते हुए बड़े पैमाने पर ठोस और सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता है। स्यूसाइडरोकथाम नीति के माध्यम से इस दिशा में हम राष्ट्रीय स्तर पर योजना बनाने की पहल कर रहे हैं। (अमर उजाला/देहरादून/बुधवार, 23 नवंबर 2022/पेज-12)

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National Suicide Prevention Strategy
Dr. Dinesh Chaudhary

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